कुम्भ मेला ( भारत का एक पर्व )
कुम्भ मेला भारत का बहुत महत्वपूर्ण पर्व हैं | जिसमे लाखो - करोरो लोग भाग लेते हैं तथा अब विदेशो से भी लोग यहाँ आने लगे हैं क्योकि भारत एक सभ्यता हैं जहा भिन्न भिन्न तरह की संस्कृति देखने को मिलती हैं वो भी एक ही जगह पर |
कुम्भ मेले का स्थान
मुख्यतः भारत मैं कुम्भ मेला 4 स्थानों में लगता हैं |
1 - हरिद्वार ( गंगा नदी )
2 - प्रयाग ( इलाहबाद ) ( गंगा + यमुना + सरस्वती )
माना जाता है यहाँ सरस्वती अदृस्य रूप से मिलती है |
( प्रयाग : 2 नदियों के संगम को प्रयाग कहा जाता हैं | )
3 - नासिक
4 - उज्जैन ( शिप्रा नदी )
भारत में यही 4 स्थान है जहा कुम्भ मेला लगता है |
मान्यता अनुसार जहा जहा कुम्भ मेले का आयोजन होता है उन स्थानों में कुम्भ मेले का आयोजन हर ( 3 ) साल बाद किया जाता है और इस तरह एक स्थान का नंबर ( 12 ) बारह साल बाद आता है | इससे पहले नासिक में कुम्भ मेले का आयोजन ( 2018 ) में किया गया था अब ( 3) तिन साल बाद यह आयोजन हरिद्वार में ( 2021 ) मे किया जाना है |
कुम्भ मेले की शुरुवात
मान्यता अनुसार कुम्भ मेले की शुरुवात अमृत मंथन से मानी जाती है |
जब अमृत मंथन के समय शिवजी के विष धारण करने के पश्चात अन्तः अमृत निकला तब देवता तथा असुरो में अमृत को लेकर काफी जिद्दो जहत की गयी जिस कारन देवता अमृत को लेकर पुरे ब्रह्माण्ड में विचरण करने लगे | जिसमे मान्यता अनुसार देवताओ ने पुरे ब्रहमांड के ( 12 ) स्थानो में अमृत को छुपाया | जिसमे से पुराणों अनुसार ( 8 ) स्थान स्वर्ग लोक में स्तिथ हैं और ( 4 ) स्थान धरती लोक में स्तिथ हैं | मान्यता अनुसार इन ( 4 ) स्थानो में अमृत छुपाते समय अमृत की कुछ बुँदे गिर गयी जिस कारन इन स्थानो को बहुत पवित्र माना जाता है तथा इन्ही स्थानों मे आज कुम्भ मेले का आयोजन किया जाता हैं | और इनमे से सबसे मुख्या हरिद्वार को माना जाता है |
धरती लोक के ये ( 4 ) स्थान वो हैं जहां आज कुम्भ मेले का आयोजन किया जाता है |
1 - हरिद्वार
2 - नासिक
3 - उज्जैन
4 - प्रयाग ( इलाहबाद )
अब ( 2021 ) में कुम्भ मेले का आयोजन हरिद्वार में किया जाना है जिसकी आप सभी को सुभकामनाये |
( दोस्तों COVID-19 से बचे और SANATIZER तथा MASK का इस्तेमाल जरुर करे तथा इस महामारी से खुद को बचाए ) |
दोस्तों कुम्भ मेले से जुडी दूसरी कहानी हम आपको अगले भाग में बतायेंगे | हमे आपके सहयोग की आवशयकता हैं |
धन्यवाद
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